रक्त में हार्मोन प्रोलैक्टिन की मात्रा कम होने से व्यक्ति की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट तब लिखते हैं जब आपके ब्लड में प्रोलैक्टिन लेवल जानना होता है। टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर उस अनुसार आपको दवा लिखता है। प्रोलैक्टिन ही वो हार्मोन है जो प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान शरीर को दूध बनाने के लिए बताता है।
आमतौर पर जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है या शिशु को जन्म देती है तो उनके खून में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे उनके स्तन में दूध का विकास होता है। लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती नहीं है तो उनके प्रोलैक्टिन स्तर में वृद्धि हो सकती है। यह समस्या पुरुषों के साथ भी देखी जाती है।
महिलाओं में प्रोलैक्टिन का नॉर्मल स्तर 25 (नेनोग्राम, मिलीलीटर) होता है जबकि पुरुषों में 17 (नेनोग्राम, मिलीलीटर) है।
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